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Bhokal Trikhanda Buy Online

250.00

त्रिखंडा ने अपने इस्ट देव को ख़ुश कर ले ले लिए अजय और अमर रहने का वरदान ।उस्के शरीर के हो गए तीन खंड जो उसकी इच्छा के अनुसार उसे तीन लोको का साम्राज्य देंगे ।

अखण्डा पाताललोक चला गया । खंदक देवलोक गया । और खंडा ने पृथ्वी लोक पे रह कर सुरु किया अपना विजय अभियान ।

अब एक नाग मानव की सहायता से भोकाल को पता चला की त्रिखंडा को समाप्त करने का उपाए ।

Trikhanda made his favoured god happy and who blessed him with Invincible and Immortal. His body was divided into three which would give him the kingdom of three loks as per his wish.

The Akhanda went away to Paatallok. Khandak went to Devlok. And Khanda started his victory campaign by staying on Prithvi Lok.

Now with the help of a Nagmanav, Bhokal came to how to end the Trikhanda.

Comics Is in good condition

Comics id in readable form

Comics is in collectable condition.

 

 

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SKU: ACTBh114 Category: Tags: ,

Description

एक अजीब सी आकृति चुरा रही है विकास नगर बच्चो को । और उसे रोका लेता है महाबली भोकाल ।जब उस आकृति ने लबादा खोला ।

उसमे से प्रकट हुआ एक दैत्य जिसका चेहरा देख कर भोकाल रह गया अचंभित । परन्तु महाबली भोकाल ने बिना समय गवाए से अपनी तलवार से सर काट दिया ।

उसका कटा हुआ सर हवा में उड़ता कही चला गया , यह जरूर किसी बड़ी साजिश का हिस्सा था ।वह सर गया अपने स्वामी के पास ।जो कर रहा था एक यज्ञ उसने अपनी शक्ति उस कटे सर को जीवित कर छोड़ दिया भोकाल को मरने के लिए ।

इस बीच त्रिखंडा ने अपने इस्ट देव को ख़ुश कर ले ले लिए अजय और अमर रहने का वरदान ।उस्के शरीर के हो गए तीन खंड जो उसकी इच्छा के अनुसार उसे तीन लोको का साम्राज्य देंगे ।

अखण्डा पटल लोक चला गया । खंदक पाताललोक गया । और खंडा ने पृथ्वी लोक पे रह कर सुरु किया अपना विजय अभियान ।

अब एक नाग मानव की सहायता से भोकाल को पता चला की त्रिखंडा को समाप्त करने का उपाए ।

क्या है वो उपाए कैसे खतम हुआ त्रिखंडा का आतंक ।