Description
जब जब मानवता पे पाप सकतिया भरी पड़ती है तब तब भगवन पृथ्वी पे अवतार ले कर आते है ।
परन्तु इस बार लिया था पाप ने धरती पे अवतार। और उसके दो साथी कालमुझांग और कालकूट ।
यही हुआ जब मानवता पे संकट को देख हनुमान जी आये भोकाल की सहायता को ।
भोकाल ने देवताओ से प्राप्त सस्त्रो से किया इन दैत्यों का विनाश ।
इस नरसंहार में भोकाल ने समाप्त किया मृत्युजीत को ।
जब भोकाल सब दैत्यों को समाप्त कर के कर रहा था आराम अभी हुई एक आकाश वाणी और आया एक बवन्डर ।जिसमे थे पशु ।
हनुमान जी भोकाल को बवंडर से बचने आये उन्हें रोक ब्रह्मा जी ने । और अब भोकाल है कपालिका के कब्जे में ।
कैसे होगा वो आजाद और क्या हनुमान जी उसे बचा पाएंगे जानने के लिए पढ़े कपालिका ।